'हरियाणवी चौपाल' की चर्चा 'दैनिक भाष्कर' में
राम-राम जी, हरियाणवी के पैल्ले अर शायद इब लग के अकेले ब्लॉग 'हरियाणवी चौपाल' बारे १२ अप्रैल २००८ के 'दैनिक भाष्कर' म्ह रविन्द्र दुबे जी का लेख छप्या सै।
(फोटू नै बड्डा करण खात्तर उसपै किलको)
हरियाणवी चौपाल शुरु करदे वकत बस एक ही बात थी दिल म्ह कि आपणी बोल्ली का भी इण्टरनैट पै बीज गड़्या चइए। ब्लॉग शुरु करे पाच्छे लिक्खण का काम कुछ स्लो पड़ ग्या, कुछ तो टैम सा ई नी लग्या कुछ आप्पाँ ब्लॉगर ते वापस इंसान बण लिए। इबी दो दिन प्हलों मेल देक्खी तो रविन्द्र भाई जी की चिट्ठी ते बेरा लग्या अक हरियाणवी चौपाल की की दैनिक भाष्कर म्ह चर्चा होई सै। बहोत खुशी होई कि चलो हरियाणवी का बी इण्टरनैट पै नारियल फूट ग्या, इब देखा-देखी दो-चार होर बंदे आ ज्याँ तो बात बण जागी।
ओपरली फोटू बी रविन्दर भाई ने गेल म्ह भेजी थी। आर्टिकल अर फोटू वास्ता उनका बहोत-बहोत शुक्रिया।
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आज बहोत दिनाँ बाद कोई ब्लॉग पोस्ट लिखी सै, इस पोस्ट गेलों पाँच मीने का संन्यास टूट ग्या। इस पोस्ट नै साबित कर दिया सै अक जोणसा बंदा एक बार ब्लॉगर बणग्या पूरी उमर ब्लॉगर रवागा, कुछ कर ल्यो इस बीमारी के कीटाणु पीछा नी छोड़दे।